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कार्ल मार्क्स परिचय | Karl Marx Full Information in hindi

नमस्कार पाठकों, क्या आप Karl Marx कार्ल मार्क्स परिचय, रचनायें और सिध्दांत के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं? यदि हाँ तो इस लेख में आपको कार्ल मार्क्स के बारे में समूर्ण जानकारी जानने को मिलेगी। इसलिए आप इस लेख को पूरा पढ़िए।

Karl Marx कौन थे ? (कार्ल मार्क्स परिचय):

कार्ल मार्क्स बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। ये इतिहासकार,अर्थशास्त्री, राजनीतिक विचारक, पत्रकार, दार्शनिक और समाज शास्त्री थे। कार्ल मार्क्स को वैज्ञानिक समाजबाद का पिता कहा जाता है। कार्ल मार्क्स ऐसे विचारकों में है जिनके चिंतन को आगे आने वाली पीढ़ी सम्मान और श्रद्धा के साथ देखती है इसीलिए कार्ल मार्क्स को एक ऐसा सितारा कहा जा सकता है। जिसकी चमक दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

कार्ल मार्क्स 1818-1883

Karl Marx

कार्ल मार्क्स का जीवन परिचय

कार्ल मार्क्स का जन्म (Birth):

  • कार्ल मार्क्स का जन्म 5 मई 1818 में जर्मनी राइन प्रांत के ट्रीयर नगर के ट्रीबज नामक स्थान पर हुआ था।
  • कार्ल मार्क्स का पूरा नाम कार्ल हेनरिक मार्क्स था।
  • उनके पिता का नाम हरसिल मार्क्स था। व माता का नाम हेनरीएट प्रिजबर्ग था।
  • कार्ल मार्क्स के पिता बकील थे । इनके पिता यहूदी थे।
  • जब कार्ल मार्क्स 6 वर्ष के थे तब उनके पिता ने 1824 में ईसाई धर्म को स्वीकार कर लिया था।
  • 1838 में कार्ल मार्क्स के पिता की मृत्यु हो गई, तब कार्ल मार्क्स सिर्फ 20 वर्ष के थे।

कार्ल मार्क्स की शिक्षा

  • कार्ल मार्क्स ने प्रारंभिक शिक्षा 12 वर्ष तक घर पर ही ली।
  • इसके बाद जिम्नेशियम नामक स्कूल से दाखिला लिया।
  • मार्क्स ने 1835 में वॉन विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया।
  • इसके बाद कार्ल मार्क्स ने अपने पिता के कहने पर बर्लिन यूनिवर्सिटी में फिलॉसफी और लॉ की पढ़ाई की । परन्तु इन्हें कानून की पढ़ाई में रूचि नहीं थी।
  • इन्होंने बर्लिन एवं जेना यूनिवर्सिटी में इतिहास, दर्शन व साहित्य का अध्ययन किया तथा इसी समय हीगल के दार्शनिक विचारों से प्रभावित हुये
  • इन्होंने 1841 में जेना यूनिवर्सिटी से दिमॉक्रितस और एपीक्यूरस के प्राकृतिक दर्शन पर शोध पत्र लिख कर पीएचडी की उपाधि हासिल की।

कार्ल मार्क्स का विवाह (Karl Marx Marriage Details): वान विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान हुई ।

  • जेनी के पिता का नाम प्रीकॉन्सिलर लुड़बिन फान वेस्टफालैन है जो ट्रीर शहर (जर्मनी) के सामंत थे।

जीवन संघर्ष के दौरान रोजगार (पेशा)

  • इन्होंने अपनी आजीविका चलाने के लिए समाचार पत्र राइनिस जीतुंग का संपादन किया परन्तु ये समाचार पत्र बंद करना पड़ा क्योंकि इनके क्रांतिकारी विचारों के कारण जर्मन सरकार ने इनके इस समाचार पत्र पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।
  • इसके बाद जर्मनी छोड़ना पड़ा। ये फ्रांस चले गये।
  • अपने क्रन्तिकारी विचारों के कारण 1845 में फ्रांस सरकार के आदेश पर फ्रांस को भी छोड़ना पड़ा।
  • इसके बाद ये इंग्लैण्ड चले गये। यहां इनकी मुलाकात फ्रेडरिक एंगेल्स से हुई।
  • इन्होंने साम्यबादी विचारों पर वक्तव्य प्रकाशित किये 1848 में साम्यबादी लीग की स्थापना की जो पूरे विश्व में ”साम्यबादी घोषणा पत्र ”के नाम से प्रसिद्ध हुये।

कार्ल मार्क्स की मृत्यु (Karl Marx’s Death):

14 मार्च 1883 लन्दन (ब्रिटेन) में 64 वर्ष की आयु में हुई। इनके वास्तविक मकबरे पर केवल एक पत्थर था। परन्तु 1954 में बड़ा मकवारा बनाया गया। इस पत्थर पर लिखे गए लेख की अंतिम पंक्ति में “द कम्युनिस्ट मेनीफेस्टो” और फ्यूरबेच की थीसेस से लिया गया एक प्रेरक वाक्य लिखा हुआ है।

कार्ल मार्क्स की रचनायें

कार्ल मार्क्स द्वारा संपादन

1 .राइनिस जीतुंग

कार्ल मार्क्स ने अपना पहला लेख राइनिस जीतुंग का 1842-43 में संपादन किया जिसे जर्मन सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया।

2 .न्यू राइनिस जीतुंग

इन्होंने 1848-49 में न्यू राइनिस जीतुंग का में संपादन फ़्रांस में किया, बाद में इस पत्र को भी बंद कर दिया गया।

कार्ल मार्क्स के क्रांतिकारी लेख

मार्क्स ने अनेक क्रांतिकारी लेख लिखे हैं जैसे:-

      • राइनिस जीतुंग
      • न्यू राइनिस जीतुंग
      • न्यू राइनिस रिव्यू
      • न्यू राइनिस ट्रीव्यून

इन लेखों के माध्यम से कार्ल मार्क्स ने श्रमिकों को सामंत और पूंजीपतियों से अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिये संघर्ष का आह्वान किया।

कार्ल मार्क्स की महत्त्व पूर्ण पुस्तक\किताबें

      • दर्शन की दरिद्रता
      • कम्युनिस्ट घोषणा पत्र
      • दास कैपीटल
      • पवित्र परिवार

कार्ल मार्क्स द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत

  • वर्ग संघर्ष का सिद्धांत
  • अतिरिक्त मूल्य का सिद्धांत
  • द्वंदात्मक भौतिकबाद
  • अलगाव का सिध्दांत

कार्ल मार्क्स के विचारों का प्रभाव

कार्ल मार्क्स के विचारो का तात्कालीन समाजिक व्यवस्था, राजनितिक व्यवस्था व राजनितिक विचार, धार्मिक विचार तथा दार्शनिक विचारकों पर गहरा प्रभाव रहा है।

जैसे:-

  • कार्ल मार्क्स के विचारो का औद्योगिक क्रांति पर प्रभाव
  • कार्ल मार्क्स के विचारो का फ़्रांस की क्रांति पर प्रभाव
  • कार्ल मार्क्स के विचारो का धार्मिक परिवर्तन पर प्रभाव
  • कार्ल मार्क्स के विचारो का संत साइमन पर प्रभाव
  • कार्ल मार्क्स के विचारो का हीगलबाद पर प्रभाव
  • कार्ल मार्क्स के विचारो का एडम स्मिथ पर प्रभाव
  • कार्ल मार्क्स के विचारो का रिकार्डो पर प्रभाव

कार्ल मार्क्स के बारे में जानकारी के लिए आप BBC की आफिसिअल वैब साईट पर जा सकते है

संक्षिप्त सार

पूरा नाम कार्ल हेनरिक मार्क्स
जन्म 5 मई 1818 ट्रीबज (जर्मनी)
मृत्यु 14 मार्च 1883 लन्दन (ब्रिटेन) 64 वर्ष की आयु में
पिता का नाम हरसिल मार्क्स
शिक्षावॉन यूनिवर्सिटी, बर्लिन यूनिवर्सिटी, जेना यूनिवर्सिटी से Ph.D
धर्म पिता यहूदी से ईसाई; ये ईसाई थे बाद में धार्मिक विचारों का त्याग कर नास्तिक हो गए.

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