सोमनाथ मंदिर का इतिहास, महत्व, आक्रमण (Somnath Temple History in hindi), किसने और क्यों किया?, सोमनाथ मंदिर का ज्योतिर्लिंग, सोमनाथ की तीर्थयात्रा आदि विस्तार से जनेगें इस लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple Introduction)
सोमनाथ मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो शिव को समर्पित है, जो भारत के गुजरात में प्रभास पाटन में स्थित है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो सबसे पवित्र शिव मंदिर है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में सोलंकी राजवंश द्वारा किया गया था, लेकिन सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा इसे 17 बार नष्ट किया गया और फिर से बनाया गया। वर्तमान मंदिर का निर्माण 20वीं शताब्दी में त्रावणकोर के महाराजा द्वारा किया गया था।
सोमनाथ मंदिर हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। मंदिर परिसर एक ऊंची दीवार से घिरा हुआ है और इसमें चार द्वार हैं। मुख्य द्वार को रथ द्वार कहा जाता है और इसे हाथियों और शेरों की मूर्तियों से सजाया गया है। यह मंदिर गुजराती स्थापत्य शैली में बनाया गया है और सफेद संगमरमर से बना है। मंदिर के आंतरिक गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग, शिव का स्वयंभू लिंगम है।
सोमनाथ मंदिर हिंदू धर्म के लचीलेपन का प्रतीक है। इसे कई बार नष्ट किया गया और फिर से बनाया गया, लेकिन इसका पुनर्निर्माण हमेशा शिव के भक्तों द्वारा किया गया है। यह मंदिर आस्था की शक्ति और धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व की याद दिलाता है।
सोमनाथ मंदिर का इतिहास (Somnath Temple History)
सोमनाथ मंदिर भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में सोलंकी राजवंश द्वारा किया गया था। मंदिर मूल रूप से सोने और चांदी से बना था.
लेकिन इसे 1026 में महमूद गजनवी ने नष्ट कर दिया था। इसका पुनर्निर्माण 1042 में गुजरात के भीम प्रथम ने किया था, लेकिन 1194 में मुहम्मद गोरी ने इसे फिर से नष्ट कर दिया था।
मंदिर का सदियों से कई बार पुनर्निर्माण किया गया, लेकिन आक्रमणकारियों द्वारा इसे हमेशा नष्ट कर दिया गया। 1706 में मुगल बादशाह औरंगजेब ने मंदिर को नष्ट कर दिया था। यह मंदिर 200 वर्षों से अधिक समय तक खंडहर बना रहा।
20वीं सदी की शुरुआत में, त्रावणकोर के महाराजा, श्री चिथिरा थिरुनल बलराम वर्मा ने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का फैसला किया। मंदिर का पुनर्निर्माण गुजराती स्थापत्य शैली में किया गया था और इसका उद्घाटन 1951 में किया गया था।
सोमनाथ मंदिर का ज्योतिर्लिंग (Somnath Temple Jyotirling)
सोमनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो सबसे पवित्र शिव मंदिर है। ज्योतिर्लिंग शिव का स्वयंभू लिंग है। ऐसा माना जाता है कि ज्योतिर्लिंग जमीन से उगता हुआ प्रकाश का एक स्तंभ है।
सोमनाथ का ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से पहला माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के तेज से ही अन्य ज्योतिर्लिंगों का निर्माण हुआ।
सोमनाथ की तीर्थयात्रा (Somnath tirth temple)
सोमनाथ मंदिर हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। ऐसा माना जाता है कि सोमनाथ की तीर्थयात्रा से सभी पाप धुल जाते हैं। यह मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है।
सोमनाथ की तीर्थयात्रा आमतौर पर सर्दियों के महीनों, अक्टूबर से मार्च के दौरान की जाती है। तीर्थयात्री मंदिर के पास स्थित सोमनाथ कुंड के पवित्र जल में स्नान करते हैं। फिर वे मंदिर में प्रार्थना करते हैं और शिव का आशीर्वाद लेते हैं।
सोमनाथ मंदिर का महत्व
सोमनाथ मंदिर हिंदू धर्म के लचीलेपन का प्रतीक है। इसे कई बार नष्ट किया गया और फिर से बनाया गया, लेकिन इसका पुनर्निर्माण हमेशा शिव के भक्तों द्वारा किया गया है। यह मंदिर आस्था की शक्ति और धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व की याद दिलाता है।
सोमनाथ मंदिर भारत की एकता का भी प्रतीक है। यह एक ऐसा स्थान है जहां पूरे देश से हिंदू शिव की पूजा करने के लिए एक साथ आते हैं। यह मंदिर सभी भारतीयों की साझा विरासत की याद दिलाता है।
सोमनाथ मंदिर के नीचे खुदाई में क्या मिला?
पुरातत्व विभाग का खुलासा किया : खोज में सोमनाथ मंदिर के नीचे 3 मंजिला इमारत और बौद्ध गुफाएं हैं, जमीन से 12 मीटर अंदर तक जांच की गई पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सोमनाथ मंदिर के नीचे L शेप की इमारत है।
बुलेट प्वाइंट सोमनाथ मंदिर:
- स्थान: भारत के पश्चिमी तट पर स्थित है।
- महत्व: शिव के बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से पहला।
- नाम उत्पत्ति: ‘सोमनाथ’ का अर्थ है ‘सोम का भगवान’।
- चंद्र देव का श्राप: श्राप से मुक्ति पाने के लिए सोमा ने यहां पूजा की थी।
- आक्रमणों का इतिहास: मंदिर पर कई बार आक्रमण हुए।
- पुनर्निर्माण: कई बार पुनर्निर्माण किया गया है।
- स्थापत्य कला : जटिल नक्काशी और ऊंचे शिखर।
- पृष्ठभूमि: राजसी अरब सागर के सामने खड़ा है।
- प्रमुख त्यौहार: महा शिवरात्रि, कार्तिक पूर्णिमा, नवरात्रि।
- माहौल: भक्ति गीतों और मंदिर की घंटियों से गूंज उठा वातावरण।
- सोमनाथ संग्रहालय: प्राचीन कलाकृतियों और मंदिर के इतिहास को प्रदर्शित करता है।
- ध्वनि और प्रकाश शो: शाम का तमाशा जो मंदिर के इतिहास को दर्शाता है।
- राष्ट्रीय प्रतीक: भारत की लचीलापन और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
- यात्रा नोट: सूर्योदय या सूर्यास्त के दौरान सबसे अच्छा दौरा किया जाता है।
- निकटवर्ती आकर्षण: प्रभास पाटन संग्रहालय, त्रिवेणी घाट, भालका तीर्थ।
- पर्यटक सुविधाएं: तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए अच्छी तरह से बनाए रखी गई सुविधाएं।
- ठहरने के विकल्प: बजट से लेकर विलासिता तक कई आवास उपलब्ध हैं।
- स्थानीय व्यंजन: आस-पास के भोजनालयों में स्थानीय गुजराती व्यंजनों का आनंद लें।
- स्मृति चिन्ह: स्थानीय बाज़ार धार्मिक कलाकृतियाँ और शिल्प पेश करते हैं।
- मुख्य बातें: सिर्फ एक मंदिर से अधिक, यह भारत की समृद्ध विरासत और अटूट आस्था का प्रमाण है।
निष्कर्ष
सोमनाथ मंदिर हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान है। यह हिंदू धर्म के लचीलेपन, भारत की एकता और आस्था की शक्ति का प्रतीक है। यह मंदिर सभी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को समान रूप से अवश्य देखना चाहिए।।
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FAQ – Somnath Temple
सोमनाथ में कौन से भगवान है?
सोमनाथ मंदिर एक हिंदू मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। सोमनाथ मंदिर में भगवान शिव हैं।
सोमनाथ मंदिर कब जाना चाहिए?
सोमनाथ मंदिर की यात्रा के लिए सर्दियों के दिनों में अक्टूबर से मार्च के महीने में जाना चाहिए।
सोमनाथ मंदिर को कितनी बार लूटा गया है?
सोमनाथ मंदिर को विदेशी आक्रमणकारियो द्वारा 17 बार लूटा गया।
सोमनाथ मंदिर को 17 बार क्यों तोड़ा गया?
धन प्राप्ति के उद्देश्य से सोमनाथ मंदिर को 17 बार तोड़ा गया।
सोमनाथ का असली नाम क्या है?
सोमनाथ का अर्थ है सोम का भगवान । प्राचीन काल में इसे सोमेश्वर के नाम से भी जाना जाता था।
सोमनाथ के पास कौन सी नदी है?
सोमनाथ मंदिर के पास के पास खारून नदी एवं शिवनाथ नदी है । सोमनाथ मंदिर इन्हीं दो नदियों के संगम के पास स्थित है।
महमूद गजनबी ने सोमनाथ मंदिर पर हमला क्यों किया?
सन 1026 को तुर्क के शासक महमूद गजनबी ने सोमनाथ मंदिर पर धन लूटने के उद्देश्य से हमला किया। क्योंकि सोमनाथ मंदिर के गर्भ ग्रह में सोना व धन संपत्ति रखी जाती थी।
सोमनाथ के पास कौन सा समुद्र है?
सोमनाथ मंदिर अरब सागर के तट पर स्थित है।
सोमनाथ मंदिर किस जिले में है?
मंदिर गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में है।
सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किसने करवाया?
20वीं सदी की शुरुआत में, त्रावणकोर के महाराजा, श्री चिथिरा थिरुनल बलराम वर्मा ने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का फैसला किया।
सोमनाथ मंदिर किस शैली पर बना है?
सोमनाथ मंदिर गुजरात की स्थापत्य शैली पर बना है। सन 1951 में इसका उद्घाटन हुआ था ।