Homeनिबंधपर्यावरण प्रदूषण की समस्या | Essay on Pollution in Hindi

पर्यावरण प्रदूषण की समस्या | Essay on Pollution in Hindi

    नमस्कार दोस्तों इस लेख पर्यावरण प्रदूषण की समस्या (Essay on Pollution in Hindi) में हम प्रदूषण का अर्थ, प्रकार, कारण और निवारण के बारे में चर्चा करेंगे. अगर आप इस बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी व ज्ञानवर्धक होगा. इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए।


पर्यावरण प्रदूषण क्या है? (paryavaran pradushan kya hai)

 पर्यावरण प्रदूषण व पर्यावरण अवनयन एक व्यापक शब्द है, जिसका अर्थ होता है कि मनुष्य के क्रियाकलापों द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र (Eco System) की स्थिरता तथा पारिस्थितिकी संतुलन (Ecologocal Balance) में अवस्था एवं असंतुलन का उत्पन्न हो जाना।

 जब पर्यावरण अवनयन/ प्रदूषण एक सीमा से अधिक हो जाता है तो यह विभिन्न जीवों तथा मानव के लिए घातक सिद्ध होता है इसे पर्यावरण प्रदूषण कहते हैं।

 प्रदूषण की समस्या इतनी जटिल हो गई है कि मनुष्य भविष्य में अपने अस्तित्व को लेकर चिंतित है।

पर्यावरण प्रदूषण का अर्थ (pradushan ka arth)

सभी जीवधारी अपनी वृद्धि एवं विकास के लिए तथा सुव्यवस्थित रूप से अपना जीवन चक्र चलाने के लिए संतुलित पर्यावरण (Balance Environment) पर निर्भर करते हैं।

इसमें प्रत्येक घटक निश्चित मात्रा एवं अनुपात में उपस्थित होते हैं, परंतु कभी-कभी पर्यावरण में एक अथवा अनेक घटकों की मात्रा या तो आवश्यकता से बहुत अधिक बढ़ जाती है।

जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है तथा जीव धारियों के लिए किसी न किसी रूप में हानिकारक सिद्ध होता है। 

पर्यावरण में इस अनचाहे परिवर्तन को पर्यावरणीय प्रदूषण करते हैं।

पर्यावरण अवनयन का अर्थ (Environmental Deegradation)

सामान्यतः पर्यावरण अवनयन और पर्यावरण प्रदूषण का अर्थ एक ही है इन दोनों का संबंध पर्यावरण के गुणों का ह्रास से है परंतु इनके कारकों तथा प्रभाव क्षेत्र के आधार पर इन दोनों में काफी अंतर है।

पर्यावरण अवनयन एक व्यापक शब्द है जिसका अर्थ है कि मनुष्य के क्रियाकलापों द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता तथा पारिस्थितिकी संतुलन में अव्यवस्था एवं असंतुलन उत्पन्न हो जाना।

जब पर्यावरण अवनयन नाजुक सीमा से बहुत अधिक बढ़ जाता है जिससे विभिन्न प्रकार के जीव जंतु तथा मानव के लिए घातक वह जानलेवा हो जाता है तो उसे प्रदूषण कहते हैं।

अर्थात पर्यावरण प्रदूषण पर्यावरण अवनयन की अंतिम सीमा है।

पर्यावरण अवनयन के प्रकार (Environmental Deegradation ke prakar)

पर्यावरण अवनयन को दो भागों में बांटा जा सकता है:-

  1. प्रकोप
  2. प्रदूषण

प्रकोप (Hazards)

प्राकृतिक कारणों एवं मानवीय कारणों द्वारा उत्पन्न घटनाएं जिनके द्वारा पर्यावरण में शीघ्र परिवर्तन होते हैं तथा पर्यावरण की गुणवत्ता एवं जीव धारियों की बहुत अधिक क्षति होती है इन्हें प्रकोप हजार्ड कहते हैं।

प्रकोप दो प्रकार के होते हैं:-

  • प्राकृतिक प्रकोप:- जैसे हरिकेन टायफून तारने दो भूकंप बाढ़ सूखा ज्वालामुखी आदि।
  • मानव जनित प्रकोप:- जैसे:- परमाणु युद्ध रासायनिक युद्ध जैविक रासायनिक युद्ध आदि।

प्रदूषण (Pollution)

प्रदूषण का अर्थ है “वायु, जल, मिट्टी आदि का अवांछित द्रव्यों से दूषित होना। जिसका सजीवों पर प्रत्यक्ष रूप से विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा पारिस्थितिक तन्त्र को नुकसान द्वारा अन्य अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ते हैं।”

अर्थात प्रदूषण जल मंडल, वायु मंडल एवं स्थलमंडल आदि में मानवीय क्रियाकलापों द्वारा होने वाले आबंछ्नीय परिवर्तन है जिसके द्वारा मनुष्य, जीव-जंतु एवं वनस्पति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

प्रदूषण के प्रकार (pradushan ke prakar)

प्रदूषण समानता दो प्रकार के होते हैं।

  1. भौतिक प्रदूषण (Physical Pollution) या पर्यावरणीय प्रदूषण (Environmantial Pollution)
  2. सामाजिक प्रदूषण (Sociological Pollution)

भौतिक प्रदूषण (Physical Pollution) या पर्यावरणीय प्रदूषण (Environmantial Pollution)

मानव के क्रियाकलापों के कारण पर्यावरण के भौतिक संघ ट्रकों की गुणवत्ता में गिरावट को भौतिक पर्यावरण प्रदूषण कहते हैं।

जैसे:-

  1. जल प्रदूषण (Water Pollution)
  2. वायु प्रदूषण (Air Pollution)
  3. ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution)
  4. मृदा / मिट्टी प्रदूषण (Soil Pollution)

सामाजिक प्रदूषण (Sociological Pollution)

इसका उद्भव एवं विकास भौतिक और सामाजिक कारणों से होता है।

जैसे:-

  • जनसंख्या विस्फोट
  • सामाजिक विकार (अपराध,झगड़ा,चोरी,डकैती आदि।)
  • सांस्कृतिक प्रदूषण
  • आर्थिक प्रदूषण (गरीबी,बेरोजगारी)

प्रदूषण के कारण (pradushan ke karan)

  • औद्योगिकरण
  • वनों का विनाश 
  • शहरी व औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थ
  • उर्वरक व कीटनाशक का असीमित उपयोग
  • जनसंख्या बृद्धि 
  • प्लास्टिक का उपयोग
  • शहरीकरण

 

प्रदूषण की समस्या का निवारण (pradushan ki samasya ka nivaran)

  • कचरे का सही निस्तारण करें.
  • जल का संरक्षण करें.
  • वृक्षारोपण करें.
  • प्लास्टिक का रिसाइकल करें.
  • वन संरक्षण करें.
  • इलेक्ट्रिक वाहनों उपयोग करें.
  • उर्जा संरक्षण करें.

प्रदूषण की समस्या पर निबंध से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ’s)

 

Q: भारत का सबसे प्रदूषित शहर कौनसा है?

Ans: दिल्ली शहर भारत का सबसे अधिक वायु प्रदूषित शहर है, जिसने पिछले छह वर्षों में प्रदूषण का सबसे अधिक स्तर दर्ज किया है।

Q: दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर कौनसा है?

Ans: दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर चीन का शिंजियांग है।

Q: भारत में प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है?

Ans:भारत में प्रदूषण के मुख्य कारक हैं परिवहन, भोजन पकाने के लिए ईंधन का इस्तेमाल, बिजली उत्पादन, उद्योग-धंधे, विनिर्माण कार्य, कचरा जलाना और समय-समय पर पराली जलाया जाना

 


अन्य उपयोगी जानकारी के लिए यह भी पढ़ें :-

RELATED ARTICLES

2 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments