भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का इतिहास 1962 में शुरू हुआ, डॉ. विक्रम ए. साराभाई की दूरदर्शिता पर भारत सरकार द्वारा 1962 में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) स्थापित किया गया था।
इसरो की स्थापना 1969 ईस्वी में की गई थी । ISRO जिसका पूरा नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन है और यह एक राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है।
ISRO की स्थापना का उदेश्य भारत में अंतरिक्ष से जुड़े कार्यों के सम्पादन को पूरा करने के लिए किया गया था ।
1975 में, भारत ने अपना पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, सोवियत संघ से लॉन्च किया.
1980 में, भारत ने अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान, SLV-3, लॉन्च किया.
1984 में, भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री, राकेश शर्मा, ने सोवियत अंतरिक्ष यान सोयुज टी-11 पर उड़ान भरी.
1992 में, भारत ने अपना पहला पूर्ण रूप से परिचालित उपग्रह प्रक्षेपण यान, PSLV, लॉन्च किया.
1994 में, भारत ने अपना पहला दूरसंवेदन उपग्रह प्रणाली, IRS, लॉन्च किया
2008 में, भारत ने अपना पहला चंद्रमा मिशन, चंद्रयान-1, लॉन्च किया.
2013 में, भारत ने अपना पहला अंतरिक्ष मिशन, मंगलयान, लॉन्च किया, जो मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बन गया.
2022 में, भारत ने अपना पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, गगनयान, लॉन्च करने की योजना बनाई है.
चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च हुआ था. जो 23 अगस्त को सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह उतार गया।