वायु प्रदूषण पर निबन्ध | Essay on Air Pollution in Hindi

Air Pollution
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नमस्कार पाठकों इस लेख वायु प्रदूषण पर निबन्ध | Essay on Air Pollution in Hindi में हम जानेंगे वायु प्रदूषण क्या है?, वायु प्रदूषण की परिभाषा क्या है?,  वायु प्रदूषण के कारण क्या है? और वायु प्रदूषण के क्या निवारण है? अगर आप विस्तार से जानना चाहते हैं,?, तो इस लेख को अंत तक पूरा पढ़िए।

Table of Contents

वायु प्रदूषण क्या है | Air Pollution Kya he

वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड व नाइट्रोजन के ऑक्साइडों में वृद्धि हो जाती है जिससे वायुमंडल की वायु प्रदूषित हो जाती है और इस प्रकार के प्रदूषण को वायु प्रदूषण कहते हैं।

प्रस्तावना

वायु सभी प्रकार के जीव जंतु मनुष्य व वनस्पतियों के लिए अति आवश्यक है वायु की महत्ता को इस प्रकार भी समझा जा सकता है कि मनुष्य भोजन किए बिना वह पानी पिए बिना कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है परंतु वायु के बिना उसका जीवन असंभव है।

वायु विभिन्न प्रकार की गैसों का मिश्रण है इसमें सर्वाधिक मात्रा लगभग 78% नाइट्रोजन की होती है। ऑक्सीजन 21%, कार्बन डाइऑक्साइड 0.03% व शेष 0.97 में हाइड्रोजन, हिलियम, ऑर्गन, निऑन, क्रिप्टन, जेनॉन, ओजोन व जलवाष्प की मात्रा होती है। इनमें जरा सा भी अंतर आने पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो जाती है।

वायु प्रदूषण का अर्थ | Air Pollution Meaning

वायुमंडल में प्राकृतिक तथा मानव जनित स्रोतों के कारण वायुमंडल में रसायन, सूक्ष्म पदार्थ,  जैविक पदार्थ, धूल कण, विषैली गैसें जैसे- कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, व सल्फर डाइऑक्साइड आदि मिल जाते हैं यह वायु जीव, जंतु एवं वनस्पति के लिए हानिकारक होती है। जिससे वायु मंडल प्रदूषित हो जाता है। इसे ही वायु प्रदूषण कहते हैं।

वायु प्रदूषण के कारण | Due to Air Pollution

पूरे विश्व में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गई है भारत में भी वायु प्रदूषण चिंताजनक विषय है क्योंकि दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में भारत के कई शहर आते हैं। वायु प्रदूषण के कई कारण हैं।

वायु प्रदूषण के कारणों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।

  • प्राकृतिक कारण
  • मानव निर्मित कारण

वायु प्रदूषण के प्राकृतिक कारण

प्राकृतिक स्रोतों से उत्पन्न होने वाले वायु प्रदूषण को नियम प्रकार से समझा जा सकता है।

  • जंगलों में लगने वाली आग से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड व धुआं
  • दलदल, झीलों व तालाबों के अपशिष्ट पदार्थों के अपघटित होने से निकलने वाली मिथेन गैस
  • बैक्टीरिया व वायरस का वायु में मिल जाना।
  • ज्वालामुखी के फटने से उत्पन्न राख, धूल कण, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन तथा अन्य गैसें
  • चक्रवात, आंधी- तूफान आदि के कारण उड़ने वाले धूल कण

वायु प्रदूषण के मानव जनित कारण

मानव जनित उत्पन्न वायु प्रदूषण को निम्न भागों में विभाजित किया जा सकता है।

  • दहन प्रक्रिया के द्वारा वायु प्रदूषण
  • कृषि कार्यों द्वारा वायु प्रदूषण
  • औद्योगिक निर्माण प्रक्रिया द्वारा वायु प्रदूषण
  • विलायक के उपयोग द्वारा वायु प्रदूषण
  • परमाणु ऊर्जा के उपयोग द्वारा वायु प्रदूषण
  • नगरीय अपशिष्ट पदार्थ के द्वारा वायु प्रदूषण

दहन प्रक्रिया के द्वारा वायु प्रदूषण

अधिकतर ताप विद्युत गृह ईंधन के रूप में कोयले का उपयोग किया जाता है जिसके जलने के कारण कार्बन डाइऑक्साइड सल्फर डाइऑक्साइड व अन्य जहरीली गैस से उत्पन्न होती है ताप विद्युत केंद्र मैं उपयोग किए गए कोयले से फ्लाई ऐश उत्पन्न होता है। भारत में 100 मेगा वाट क्षमता का विद्युत गृह 25 टन सल्फर डाइऑक्साइड25 टन से अधिक फ्लाई ऐश फेकता है। ताप विद्युत गृह में कोयले के तहत के पश्चात रॉख उड़कर वायुमंडल में पहुंच जाती है जो वायुमंडल को प्रदूषित कर देती हैं।

कृषि कार्यों द्वारा वायु प्रदूषण

पूरे विश्व के साथ-साथ भारत में भी कृषि तकनीकों का बहुत तीव्र गति से विकास हुआ है और इस विकास मार्ग मैं तरह-तरह के कीटनाशकों व रासायनिक पदार्थों का उपयोग काफी अधिक बढ़ गया है। जब यह कीटनाशक पदार्थों का उपयोग किया जाता है तो यह उड़कर वायु में मिल जाते हैं जिससे वायु प्रदूषित हो जाती है।

औद्योगिक निर्माण प्रक्रिया द्वारा वायु प्रदूषण

औद्योगिक इकाइयों से कार्बन डाइऑक्साइड कार्बन मोनोऑक्साइड सल्फर लेड बेरियम जिंक कैडमियम पारा व धूल कण वायुमंडल में मिल जाते हैं जो वायु को प्रदूषित करते है।

भारत में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है यहां के वायुमंडल में सल्फर डाइऑक्साइड एवं धूल कणों की मात्रा सर्वाधिक है देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई व कानपुर आदि आते हैं। दिल्ली भारत का सर्वाधिक प्रदूषित शहर है

विलायक के उपयोग द्वारा वायु प्रदूषण

विभिन्न प्रकार के स्प्रे पेंट व पॉलिस बनाने के लिए विलायक का उपयोग किया जाता है इनमें उड़नसील हाइड्रोकार्बन मिले होते हैं जब इन पेंट का उपयोग किया जाता है तो यह हाइड्रोकार्बन वायु में मिल जाते हैं।

परमाणु ऊर्जा के उपयोग द्वारा वायु प्रदूषण

परमाणु बमों के उपयोग परमाणु परीक्षण एवं परमाणु विद्युत उत्पादन करने में यूरेनियम आदि का उपयोग किया जाता है। विस्फोट के समय यह पदार्थ वायुमंडल में दूर-दूर तक फैल जाते हैं इसके बाद पृथ्वी पर अवपात (fall out) के रूप में गिरते हैं जो बहुत गंभीर प्रभाव छोड़ते हैं।

नगरीय अपशिष्ट पदार्थ के द्वारा वायु प्रदूषण

नगरी अपशिष्ट पदार्थ भी वायु प्रदूषण में बहुत बड़ी भूमिका है क्योंकि इन अपशिष्ट पदार्थों को शहर के बाहर बहुत बड़ी मात्रा में डंप कर दिया जाता है या सड़क अथवा नालियों में कूड़ा कचरा फेंक दिया जाता है जो दुर्गंध फैलाते है जिससे विभिन्न बीमारियों के जीवाणु व विषाणु फैलते हैं।

वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव | Side Effect of Air Pollution

मानव के स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभाव

वायु प्रदूषण के हमारे स्वास्थ्य पर बहुत गंभीर प्रभाव पढ़ते हैं जैसे दमा सिर दर्द फेफड़े का कैंसर खांसी आंखों में जलन गले का दर्द निमोनिया ह्रदय रोग जुकाम व उल्टी आदि रोग हो सकते हैं इसके अलावा वायु प्रदूषण से स्वसन तंत्र भी गंभीर रूप से प्रभावित हो जाता है।

जीव जंतुओं पर वायु प्रदूषण के प्रभाव

वायु प्रदूषण का जीव जंतुओं पर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है इससे जीव जंतुओं के तंत्रिका तंत्र व श्वसन तंत्र गंभीर रूप से प्रभावित खो जाते हैं।

पेड़ पौधों व वनस्पतियों पर वायु प्रदूषण के प्रभाव

वायु प्रदूषण के कारण वृक्ष फल फूल एवं सब्जियां भी गंभीर रूप से प्रभावित होती है वायु प्रदूषण के कारण ही सूर्य के प्रकाश की मात्रा में कमी आ जाती है जिससे पौधों को प्रकाश संश्लेषण की प्रिया प्रभावित हो जाती है।

वायु प्रदूषण के द्वारा है वर्षा होने वाले जल मैं कई प्रकार की गे सेवा जहरीले पदार्थ मिलकर वर्षा की बूंदों के साथ धरती पर आ जाते हैं तथा पेड़ पौधों की जड़ों में पहुंचकर उन्हें नष्ट कर देते हैं।

जलवायु और मौसम पर वायु प्रदूषण के प्रभाव

वायु प्रदूषण के द्वारा पूरे विश्व की जलवायु प्रभावित हुई है पिछले कई वर्षों में ठंडी जलवायु वाले क्षेत्र का तापमान पहले की अपेक्षा बढ़ गया है और गर्म स्थान अपेक्षाकृत ठंडे हो गए हैं वह वार्ड एवं सूखा के कारण भी वायु प्रदूषण ही है।

पिछले कुछ वर्षों की तुलना में शीत काल में अधिक ठंडी और गर्मियों में अधिक गर्मी पड़ रही है शहरी क्षेत्रों का तापमान ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक होता है इसका प्रमुख कारण यह है कि वायु प्रदूषक तापमान का परावर्तन करते हैं।

ऐतिहासिक इमारतों पर वायु प्रदूषण के प्रभाव

वायु प्रदूषण के कारण ऐतिहासिक इमारत है गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है यह ऐतिहासिक इमारतों में संगमरमर वाह काशी का अधिकतर उपयोग किया गया है।

हमारे देश में ताजमहल वायु प्रदूषण के कारण होने वाली अम्लीय वर्षा प्रभावित हुआ है।

दृश्यता पर वायु प्रदूषण के प्रभाव

वायुमंडल में उपस्थित प्रदूषक पदार्थ के छोटे-छोटे कारण प्रकाश की किरणों को प्रकीर्णित कर देते हैं जिससे दृश्यता कम हो जाती है। शीतकाल में वायुमंडल की नमी एवं निम्न तापमान के कारण हाइड्रोकार्बन वायुमंडल में जम जाते हैं जिससे धूम 2 कुहासा बन जाता है जो रोड एक्सीडेंट का कारण बनता है।

अन्य प्रभाव

वायु प्रदूषण के कुछ अन्य प्रभाव भी है जैसे

  • जब वायु प्रदूषित हो जाते हैं तो हाइड्रोजन सल्फाइड गैस की मात्रा अधिक हो जाती है इससे चांदी की चमक कम हो जाती है और सीसे से बनी वस्तु काली पड़ने लगती है।
  • वायु प्रदूषण के कारण धातुओं में जंग लगने लगती है तथा कपड़ा कमजोर हो जाता है।

    वायु प्रदूषण के उपाय | Measures to Prevent Air Pollution

    वायु प्रदूषण एक गंभीर चिंताजनक विषय बन गया है यदि इस चिंताजनक विषय पर जल्द से जल्द अमल नहीं किया गया तो पृथ्वी पर मानव सभ्यता का विकास खतरे में पड़ सकता है यदि प्रदूषण इसी तीब्रता (दर) से बढ़ता रहा तो पृथ्वी पर ऐसा कोई स्थान नहीं बचेगा जहां पर प्रदूषण न हो इसलिए हमें प्रदूषण से बचने के लिए आवश्यक उपाय करने की आवश्यकता है।

    वृक्षारोपण

    वृक्षारोपण वायु प्रदूषण को रोकने का एक बढ़िया उपाय है क्योंकि वृक्ष से हमें ऑक्सीजन मिलती है और यह वातावरण में उपस्थिति कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करते हैं जिससे वायुमंडल में प्रदूषण की मात्रा नियंत्रित होती है।

    जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण

    जनसंख्या वृद्धि दर में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रदूषण का कारण बन गई है क्योंकि जनसंख्या वृद्धि से तीव्र शहरीकरण हो रहा है इस कारण लगातार वनों का विनाश हो रहा है। खाद्य पदार्थों की कमी का संकट हमेशा मंडराता रहता है अगर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जाए तो वनों का विनाश और खाद्य संकट की समस्या से बचा जा सकता है।

    कारखाने से उत्सर्जित गैसों पर नियंत्रण

    तीव्र औद्योगिकीकरण और बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण कई प्रकार की कल कारखाने स्थापित किए गए हैं। इन कारखानों से कई प्रकार की जहरीली जैसे वायुमंडल में उत्सर्जित की जाती है जो वायु प्रदूषण का कारण बनती है। जहरीली गैसों को सीधे वायुमंडल में नहीं छोड़ना चाहिए इस पर कानून बनाकर कठोरता से पालन करना चाहिए।

    कोयला एवं खनिज तेल के उपयोग पर नियंत्रण

    कोयला एवं खनिज तेल भी वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण हैं इनके स्थान पर नवीनीकरण ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहिए जिससे कि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके।

    सौर ऊर्जा को बढ़ावा

    ऊर्जा के परंपरागत संसाधनों के स्थान पर गैर परंपरागत संसाधनों जैसे सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहिए जिससे की वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।

    निर्माण कार्य से उत्पन्न धूल का नियंत्रण

    निर्माण कार्य की वायु प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण बन गया है। निर्माण कार्य के चारों ओर धूल मिट्टी वातावरण में उड़ती रहती है हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि निर्माण कार्य के समय अधिक मात्रा में धूल मिट्टी आती वातावरण में नहीं उड़ना चाहिए किस प्रकार के निर्माण कार्य हर कठोर कार्रवाई होना चाहिए।

    पराली जलाने पर प्रतिबंध

    पराली जलाना किसानों की मजबूरी हो गया है क्योंकि किसान अज्ञानता अज्ञानता वश व जल्दी खेत जोतने के लिए खेतों में उपस्थित है फसलों के अवशेषों आग लगा देते हैं जिससे दुआ वाह उत्सर्जित गैस वायुमंडल को प्रदूषित करती है इसलिए पराली जलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा देना चाहिए व खेती की उन्नत तकनीक के विकास पर जोर देना चाहिए जिससे पराली जलाने की आवश्यकता ही न हों।

    पुराने वाहनों पर प्रतिबंध

    हमारे देश में होने वाले वायु प्रदूषण में वाहनों का भी बहुत बड़ा हिस्सा है। पुराने वाहन नए वाहनों की अपेक्षा लगभग 10 गुना अधिक प्रदूषण खिलाते हैं इसलिए पुराने वाहनों पर जल्द से जल्द प्रतिबंध लगाना चाहिए और इनके स्थान पर इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देना चाहिए।

    उपसंहार

    वायु प्रदूषण आज बहुत संवेदनशील विषय है इस पर नियंत्रण किया जाना अति आवश्यक है अन्यथा पृथ्वी पर जीवन लीला समाप्त हो जाएगी। पूरी दुनिया के लोगों द्वारा सामूहिक प्रयास के द्वारा वायु प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सकता है। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सभी आवश्यक प्रयास रखना चाहिए साथ ही वृक्षारोपण को विशेष रूप से बढ़ावा देना चाहिए एवं बड़े स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाने की आवश्यकता है और भी बहुत से सकारात्मक प्रयास करना चाहिए जिससे वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके


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